पंचायत सहायक यूनियन वाराणसी के जिला अध्यक्ष जयहिंद कुमार ने पंचायती राज मंत्री को सौपा ज्ञापन


पंचायत सहायक यूनियन वाराणसी के जिला अध्यक्ष जयहिंद कुमार ने पंचायती राज मंत्री को सौपा ज्ञापन

पंचायत सहायक यूनियन वाराणसी के जिला अध्यक्ष जयहिंद कुमार ने पंचायती राज मंत्री को सौपा ज्ञापन

सोमवार को जनपद के ग्राम पंचायत आखरी में पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर के आयोजित कार्यक्रम में पंचायत सहायकों नें मिल कर अपनी मांग पत्र के माध्यम से रखा।जिसमें प्रमुख मांगे-पंचायत सहायकों का मानदेय ग्राम पंचायत स्तर से खत्म कर लखनउ डी०बी०टी० के माध्यम से किया जाय, तथा पंचायत सहायक का मानदेय 6000 मात्र है, जो दैनिक जीवन यापन के लिए बहुत कम है उसे बढ़ाकर 18000 अनुरोध किया गया उक्त मांग पत्र देने हेतु समस्त पंचायत सहायक वाराणसी के साथ-साथ जयहिन्द पटेल अध्यक्ष, शालिनी यादव महामंत्री, एवं कोषाध्यक्ष आदित्य कुमार गौतम आदि उपस्थित रहें।पंचायत सहायक यूनियन वाराणसी का सराहनीय कार्य की प्रशंसा सभी पंचायत सहायक कर रहे है एवं अन्य संगठन भी पंचायत सहायक यूनियन की इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा कर रही है

कम मानदेय से परेशान पंचायत सहायक ​

 

उत्तर प्रदेश के पंचायत सहायकों की संख्या बड़ी होने के बावजूद, उनकी आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। इन सहायकों की मुख्य समस्या उनके कम मानदेय से है, जो उन्हें गुजार बसर करने में मुश्किलों का सामना करने के लिए मजबूर कर रहा है।

पंचायत सहायकों का काम प्रदेश के गाँवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। उन्हें गाँव के लोगों की समस्याओं का समाधान करना, सरकारी योजनाओं के लाभ का लाभ उन्हें पहुँचाना, और सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देना उनका मुख्य कार्य है। लेकिन इनकी मेहनत और समर्पण के बावजूद, उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है।

उत्तर प्रदेश में पंचायत सहायकों की न्यूनतम वेतन दर काफी कम है, जो उन्हें जीवन यापन के लिए पर्याप्त धन नहीं प्रदान करती। इसके अलावा, उन्हें अन्य सुविधाओं में भी कमी महसूस होती है, जैसे कि मेडिकल बेनिफिट्स, पेंशन, और सामाजिक सुरक्षा। इससे परिवारिक दबाव बढ़ता है और उनकी जीवनशैली प्रभावित होती है।हमारे partner-sponsored Glasses को ब्राउज़ करें, जिसमें हर स्वाद और बजट के अनुरूप विभिन्न विकल्प हैं, जो ऑनलाइन खरीदने के लिए उपलब्ध हैं।

पंचायत सहायकों का काम तब भी नियमित नहीं है, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा की गारंटी नहीं होती। बहुत से पंचायत सहायकों को अपने काम के लिए वेतन नहीं मिलता, जो उन्हें और भी आर्थिक संकट में डाल देता है।

इस समस्या का समाधान निकालने के लिए, सरकार को गंभीरता से इस मुद्दे पर ध्यान देना होगा। पंचायत सहायकों की वेतन स्केल को बढ़ाने के साथ-साथ, उन्हें अन्य लाभ भी प्रदान किए जाने चाहिए, जैसे कि मेडिकल बेनिफिट्स, और सामाजिक सुरक्षा। साथ ही, उनके काम की गणना और मूल्यांकन का सिस्टम स्थापित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें नियमितता और न्याय के साथ वेतन मिल सके

 

 

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